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फर्क ज़िंदगी में बस इतना सा फर्क आया है ज़िंदगी में माँ के चले जाने के बाद पहले जब भी हम रोते थे, माँ की ही याद आती थी, आज माँ याद आती है, तब रोते हैं हम |  बस इतना सा फर्क आया है ज़िंदगी में माँ के चले जाने के बाद पहले तब ही हम सोते थे, जब माँ पास आती थी, आज माँ पास आती है, जब सोते है हम |  बस इतना सा फर्क आया है ज़िंदगी में माँ के चले जाने के बाद पहले जब भी हम डरते थे, तो माँ गोद में छुपा लेती थी, आज माँ कही छुप गयी है, डरते नहीं है हम | बस इतना सा फर्क आया है ज़िंदगी में माँ के चले जाने के बाद पहले जब भी माँ कहानी सुनाती थी तारों की दुनिया में चले जाते थे, आज माँ तारों की दुनिया में है, कहानी सुनते नहीं  है हम | बस इतना सा फर्क आया है ज़िंदगी में माँ के चले जाने के बाद